डेंगू में प्लेटलेट्स कितना होना चाहिए

 डेंगू में प्लेटलेट्स कितना होना चाहिए | जानिए सही मात्रा

डेंगू एक गंभीर वायरल बीमारी है। इसके मुख्य लक्षणों में प्लेटलेट्स की गिरावट शामिल है। Platelet रक्त के एक महत्वपूर्ण घटक हैं।वे रक्त के थक्के बनाने में मदद करते हैं। डेंगू में प्लेटलेट्स कम होने से रक्त के थक्के बनने में समस्या हो सकती है। इससे खतरनाक स्थितियां पैदा हो सकती हैं।इस लेख में हम Dengue के दौरान प्लेटलेट्स की सही मात्रा के बारे में बताएंगे। उनके महत्व और कम होने पर क्या करना चाहिए, इस पर भी चर्चा करेंगे।


प्रमुख बिंदु:

  • डेंगू में प्लेटलेट्स की सही मात्रा क्या होनी चाहिए
  • प्लेटलेट्स क्या हैं और उनका क्या महत्व है
  • Causes and symptoms of low platelets in dengue
  • प्लेटलेट्स बढ़ाने के प्राकृतिक उपाय
  • डेंगू में समय पर इलाज की आवश्यकता

प्लेटलेट्स क्या होते हैं और उनका महत्व

थ्रोम्बोसाइट्स या प्लेटलेट्स रक्त के महत्वपूर्ण घटक हैं। ये छोटे, बेअकार कणिकाएँ हैं। वे रक्तस्राव को रोकने में मदद करते हैं।

प्लेटलेट्स के बिना छोटी चोट भी बड़े रक्तस्राव का कारण बन सकती है।

रक्त में प्लेटलेट्स की भूमिका

प्लेटलेट्स रक्तस्राव को रोकने के लिए कई तरीकों से काम करते हैं:

  • चोट पर जमकर एक थक्का बनाकर रक्तस्राव को बंद करते हैं।
  • Number in the blood में वृद्धि करके रक्तस्राव को रोकने में मदद करते हैं।
  • कई प्रक्रियाओं में शामिल होकर रक्त जमाव को प्रोत्साहित करते हैं।

सामान्य प्लेटलेट्स काउंट की रेंज

सामान्य प्लेटलेट्स काउंट 150,000 से 450,000 प्रति microliter blood  होता है।

इस दायरे से कम होने पर रक्तस्राव और रक्त जमाव की समस्या हो सकती है। इसलिए प्लेटलेट्स संख्या का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है।

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डेंगू में प्लेटलेट्स कितना होना चाहिए

dengue fever के दौरान प्लेटलेट्स की संख्या बहुत कम हो जाती है। सामान्य रूप से प्लेटलेट्स की संख्या 150,000 से 400,000 होती है। लेकिन डेंगू में यह संख्या 100,000 से कम हो जाती है।

This deficiency could be due to a virus that destroys platelets, or a delay in blood clotting could also be a cause.

डेंगू के विभिन्न चरणों में प्लेटलेट्स के स्तर अलग-अलग होते हैं:

  • रुद्र चरण: प्लेटलेट्स का स्तर 100,000 से नीचे गिर जाता है। रक्त के थक्के बनने में देरी होती है। आंतरिक रक्तस्रावन का खतरा बढ़ जाता है।
  • हीमोर्रेजिक चरण: प्लेटलेट्स 20,000 से भी नीचे गिर जाते हैं। गंभीर रक्तस्रावन और अन्य जटिलताएं हो सकती हैं।
  • बहाव चरण: जब प्लेटलेट्स की संख्या 100,000 से ऊपर आ जाती है, तो स्थिति सामान्य होने लगती है।

प्लेटलेट्स की कमी से अंतर्गत रक्तस्रावन और अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। डेंगू के दौरान प्लेटलेट्स की नियमित जांच बहुत महत्वपूर्ण है।

डेंगू में प्लेटलेट्स कम होने के Causes and symptoms

डेंगू वायरस संक्रमण प्लेटलेट्स की संख्या कम कर सकता है। इसे थ्रोम्बोसाइटोपेनिया कहा जाता है। यह वायरस प्लेटलेट्स को नष्ट कर देता है।

जब प्लेटलेट्स की संख्या बहुत कम हो जाती है, तो रक्तस्राव के लक्षण दिखाई देते हैं।

खतरनाक स्तर की पहचान

यदि प्लेटलेट्स की संख्या 20,000 से कम हो जाए, तो यह खतरनाक है। इस स्थिति में रक्तस्राव के लक्षण दिखाई देते हैं।

नाक या ल्गों से रक्तस्राव, पीले या नीले धब्बे, और त्वचा से रक्तस्राव के लक्षण दिखाई देते हैं। अत्यधिक मासिक धर्म भी एक संकेत है।

तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता के संकेत

यदि प्लेटलेट्स की संख्या 10,000 से कम हो जाए, तो यह डेंगू शॉक सिंड्रोम का संकेत हो सकता है। यह जीवन के लिए खतरनाक है।


प्लेटलेट्स बढ़ाने के प्राकृतिक उपाय

डेंगू के दौरान प्लेटलेट्स की कमी आम है। कुछ खाद्य पदार्थ और जड़ी-बूटियाँ प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ा सकते हैं। आइए देखें कि कैसे प्राकृतिक तरीकों से प्लेटलेट्स बढ़ाए जा सकते हैं।

पपीते के पत्ते प्लेटलेट्स बढ़ाने में बहुत कारगर हैं। ये विटामिन C और फोलेट से भरपूर होते हैं। पीसकर या उबालकर पीने से प्लेटलेट्स बढ़ते हैं।

गिलोय भी प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद करती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो प्लेटलेट्स को बढ़ाते हैं। गिलोय खाने से प्लेटलेट्स काउंट में सुधार होता है।

इसके अलावा, संतरा, अमरूद, और अनार जैसे फल भी प्लेटलेट्स बढ़ाते हैं। ये फल विटामिन C और फोलेट से भरे हुए हैं।

इन उपायों को अपनाकर डेंगू में प्लेटलेट्स काउंट स्वस्थ रखा जा सकता है। स्वस्थ Diet and Herbs सेहत को भी मजबूत बनाते हैं।


प्लेटलेट्स कम होने पर किन चीजों से बचें?

Platelets कम होने पर सही खान-पान का ध्यान रखना जरूरी है। जंक फूड और तले हुए खाद्य पदार्थों से बचें, क्योंकि ये सूजन बढ़ाकर प्लेटलेट्स की रिकवरी में बाधा डालते हैं।

Alcohol Platelet उत्पादन को प्रभावित करता है, इसलिए इसे पूरी तरह से छोड़ दें। प्रोसेस्ड और डिब्बाबंद भोजन से भी दूरी बनाएं, क्योंकि इनमें मौजूद केमिकल्स नुकसान पहुंचा सकते हैं। खट्टे फल, मसालेदार और अत्यधिक नमकीन भोजन पाचन तंत्र और रक्तसंचार को प्रभावित कर सकते हैं।

hot natured herbs, जैसे नीम और तुलसी की अधिक मात्रा से बचें। संतुलित आहार और डॉक्टर की सलाह का पालन करें।

निष्कर्ष

डेंगू के दौरान प्लेटलेट्स की निगरानी बहुत महत्वपूर्ण है। चिकित्सक के निर्देशानुसार नियमित जाँच करें। इससे गंभीर स्वास्थ्य जोखिम का पता लगाया जा सकता है।

Dengue Treatment के दौरान, स्वास्थ्य सावधानियाँ का पालन करना जरूरी है। पर्याप्त आराम, पीने के लिए पर्याप्त पानी और स्वस्थ भोजन लें।

गंभीर लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लें। इससे जान बचाई जा सकती है। डेंगू के प्रति सजग रहना और सही मार्गदर्शन का पालन करना काफी महत्वपूर्ण है।

FAQ

डेंगू में प्लेटलेट्स की सही मात्रा क्या होनी चाहिए?

डेंगू के दौरान, प्लेटलेट्स का स्तर बहुत कम हो सकता है। आम तौर पर, यह 150,000 से 450,000 प्रति माइक्रोलीटर तक होता है।

प्लेटलेट्स क्या हैं और उनका क्या महत्व है?

प्लेटलेट्स रक्त का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे रक्तस्राव को रोकने में मदद करते हैं। ये रक्त जमाव के लिए बहुत जरूरी हैं।

डेंगू में प्लेटलेट्स कम होने के क्या कारण और लक्षण हैं?

डेंगू वायरस प्लेटलेट्स को नष्ट कर सकता है। इससे उनकी संख्या कम हो जाती है। प्लेटलेट्स की कमी के लक्षणों में रक्तस्राव और नीले धब्बे शामिल हैं।

डेंगू शॉक सिंड्रोम भी एक लक्षण है। ऐसे मामलों में तुरंत चिकित्सा की आवश्यकता होती है।

प्लेटलेट्स बढ़ाने के कौन-से प्राकृतिक उपाय हैं?

पपीते के पत्ते, गिलोय, विटामिन सी और फोलेट वाले भोजन प्लेटलेट्स बढ़ाते हैं। ये प्राकृतिक तरीके डेंगू के समय प्लेटलेट्स को बढ़ा सकते हैं।

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